सफेद घटा में लिखा सबकी तक़दीर
वह हीरों के बूंद,
वह लाल ज़मीन।
वह हर सोने का साँस,
वह चांदनी जल,
आखो का काजल,
मत रख तू यह राज,
चहरे पे हमेशा रहेगा यह मुस्कान,
तू मत पी शराब।
टूटे हुए काच पे कोमल कपड़ा,
वह चांदी की सरिता,
वह चमकता हुआ हीरा,
वह सोने का दिल,
वह सोने का सूरज,
तूने भर लिया काग़ज।
नूपूर का झन्न झन्न,
गुलाबी होट के खुसूरत शब्द,
मत छुपा तेरा मन,
वह गुमसुम वृक्ष,
उधर बेठा है कुछ,
वह बेरंग चेहरा,
वह रंगीला सवेरा।
Picture from the net- ( 2girlsgreattaste.wordpress.com/.../)
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