Monday, July 5, 2010

निशब्द !




दिल दिया है अभी,
कही और,
मैं क्या बोलू

आखो को जो देखना चाहिए,
वोह नहीं देखा,
मैं क्या बोलू

जो धुन सुनना नहीं चाहिए,
वोह मैंने सुन्ना,
मैं क्या बोलू

जिस धरती ने इस शरीर को जान दीया,
उसे नहीं बचाया,
मैं क्या बोलू

Picture from the net - (
www.papadakismanolis.gr/index.php?mid=7)

No comments:

Post a Comment

Groove to the era